खनन को लेकर प्रदेश सरकार कंफ्यूज : बिक्रम

*खनन को लेकर प्रदेश सरकार कंफ्यूज : बिक्रम*

धर्मशाला, भाजपा के पूर्व मंत्री एवं संसदीय क्षेत्र प्रभारी बिक्रम ठाकुर ने कहा की प्रदेश की सरकार आपसी मतभेदों में उलझी हुई है जिसका प्रभाव सीधा-सीधा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों पर हो रहा है। सरकार का एक मंत्री लगातार बयान दे रहा है कि ये नुकसान खनन के कारण हुआ है और सरकार का दूसरा मंत्री और कुछ विधायक इस बात को डिफेंड करने में लगे हैं कि खनन के कारण यह नुकसान नहीं हुआ है। कांग्रेस के नेताओं के विरोधाभासी बयान अधिकारियों को कार्य करने में बाधा पहुंचा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य इसके कारण प्रभावित हो रहा है और पिक एण्ड चूज करते हुए सहायता दी जा रही है। 

भाजपा ने इस मामले में सी. पी. एस. की घेराबंदी शुरू कर दी है। बिक्रम ठाकुर ने कहा कि विधायक के स्वयं के क्रशर हैं, ऐसे में उन्हें खनन अच्छा लग रहा है। दरअसल सी. पी. एस. राम कुमार चौधरी ने बद्दी में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस वर्ष अगर सरसा नदी में माइनिंग नहीं हुई होती तो 16 फुट हाइट का पानी गया होता । इस कारण बद्दी से लेकर नालागढ़ तक जितने भी गांव सरसा नदी के साथ लगते हैं, वे सभी तबाह हो जाते। 

उन्होंने बताया को लोक निर्माण, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अवैध खनन पर लगाम लगाने को लेकर सशक्त नीति बनाई जाएगी। वह जल्द ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह एवं उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान से अवैध खनन की समस्या को समाप्त करने को लेकर एक सशक्त नीति बनाने का मामला उठाएंगे ताकि अवैध खनन को नियंत्रित किया जा सके। 
दूरी ओर हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से हुई तबाही के मामले पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह में जुबानी जंग छिड़ी हुई है । हाल ही में विक्रमादित्य सिंह ने कुल्लू दौरे के दौरान अपने बयान में कहा कि यह सब चीजें अवैध खनन से हुई हैं। नदी और नालों का रुख बदल गया है। इस अवैध खनन में किसका हाथ है।वहीं, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि बड़ी मात्रा में पानी आया है, इससे तबाही हुई है। एक दो स्थानों पर अवैध खनन हो सकता है। क्या पूरे कुल्लू जिले में अवैध खनन हुआ है। कुल्लू में जो त्रासदी हुई है। वह बाढ़ से हुई है। ब्यास नदी के किनारे माइनिंग लीज नहीं दी गई है। हर्षवर्धन विक्रमादित्य के बयान से सहमत नहीं हैं। नदी नालों के 100 मीटर के बाहर माइनिंग की अनुमति दी जाती है। विक्रमादित्य सिंह का बयान समझ से परे है।

उन्होंने कहा की इस लड़ाई से प्रदेश भर में असमंजस का माहौल हैं।

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