सुक्खू सरकार आपदा पर भी राजनीति कर रही है, 4500 करोड़ का पूरा हिसाब दें: राकेश जमवाल
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2023 और 2025 की भीषण आपदाओं में प्रदेश ने भारी जन-धन हानि झेली, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस त्रासदी को भी राजनीतिक रंग देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि आपदा जाति, धर्म या दल देखकर नहीं आती, लेकिन राहत वितरण में सुक्खू सरकार की नीयत हर कदम पर संदेह पैदा करती है। सरकार की बेरुखी का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिराज, मंडी और सुंदरनगर जैसे सबसे प्रभावित क्षेत्रों में लोग सरकारी मदद की राह देख रहे थे, लेकिन सरकार के मंत्री और अधिकारी मौके पर पहुंचने तक की ज़हमत नहीं उठा सके।
जमवाल ने सदन में नियम 130 के तहत चर्चा के दौरान सरकार से 4500 करोड़ राहत पैकेज का पूरा हिसाब मांगा। उन्होंने कहा कि सरकार दावा करती है कि 4500 करोड़ स्वीकृत हुए, लेकिन जमीनी स्तर पर पता चला कि मात्र 360 करोड़ ही खर्च हुए हैं। बाकी पैसा कहां गया? यह जनता जानना चाहती है और सरकार जवाब देने से लगातार बच रही है। उन्होंने कहा कि सिराज क्षेत्र में 33 लोगों की मौत हुई, 22 शव अभी तक नहीं मिल पाए, मंडी जिला 50 से अधिक मौतों का गवाह बना, और सुंदरनगर में एक परिवार पूरी तरह खत्म हो गया पर सरकार केवल बयानबाज़ी करती रही। उन्होंने कहा कि दुर्घटना की सूचना मिलते ही वे स्वयं 30 मिनट में स्थल पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू कराए, जबकि सरकारी मशीनरी घंटों बाद हरकत में आई।
मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि आपदा के समय भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों तक राहत सामग्री, राशन, कपड़े और तिरपाल पहुंचाए, लेकिन कांग्रेस सरकार ने पीड़ितों को उचित मुआवजा तक नहीं दिया। कई स्थानों पर सरकार ने पूरी तरह ध्वस्त घरों को “आंशिक क्षति” बताकर राहत राशि कम कर दी, जिसका सीधा नुकसान गरीब परिवारों को हुआ है। जमवाल ने कहा कि क्षेत्र में दर्जनों जगहों पर सबूतों सहित उन्होंने यह भेदभाव सदन में रखा, परंतु सरकार ने इसे स्वीकारने की बजाय गोलमोल जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने विधायक क्षेत्र विकास निधि रोक दी है, ट्रेजरी महीनों से बंद है, और ठेकेदारों को भुगतान नहीं मिल रहा। गांवों की सड़कें बंद पड़ी हैं, पर सुक्खू सरकार को जश्न मनाने की जल्दी है। उन्होंने कहा कि मंडी जैसे शोकाकुल जिले में जाकर कांग्रेस सरकार द्वारा अपने कार्यकाल का जश्न मनाने की घोषणा बेहद असंवेदनशीलता का उदाहरण है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आपदा के नाम पर चुनाव टाल सकती है, लेकिन अपने राजनीतिक कार्यक्रम पूरे उत्साह से कर सकती है—यही कांग्रेस का दोहरा चरित्र है।
जमवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हर आपदा में कांग्रेस-शासित राज्यों तक को उदारता से राहत दी—उत्तराखंड को 1200 करोड़, पंजाब को 1600 करोड़ और अन्य राज्यों को भी 1500 करोड़ से अधिक की मदद मिली—लेकिन हिमाचल में कांग्रेस सरकार न तो केंद्र की मदद का सही उपयोग कर पाई और न ही पारदर्शिता दिखा पाई। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि 4500 करोड़ में से एक-एक रुपये का हिसाब कब देंगे, पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों को आंशिक क्यों दिखाया गया, और राहत कार्यों में इतना भेदभाव क्यों किया गया।