प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए बीडीओ कार्यालय के सभागार में 27 जून से 29 जून तक प्रशिक्षण व जागरूकता शिविर का आयोजन
न्यूजहंट हिमाचल। मंडी
जिला आपदा प्रबंधन द्वारा 4 पंचायतों से 60 वॉलिंटियर को दिया जाएगा प्रशिक्षण
25 जून 2024 गोहर
मानसून के दौरान किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए जिला आपदा प्रबंधन मंडी के द्वारा प्रत्येक पंचायत से वाॅलिंटियर तैयार करने हेतु व उन वाॅलिंटियर को आपदा के दौरान उनके कार्यों के प्रति जानकारी, प्रशिक्षण के लिए बीडीओ कार्यालय के सभागार में तीन दिवसीय प्रशिक्षण व जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है ।
इस बारे में जानकारी देते हुए एसडीएम गोहर लक्ष्मण सिंह कनेट ने कहा कि आने वाले मॉनसून सीजन के दौरान किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए जिला आपदा प्रबंधन टीम के द्वारा वॉलिंटियर तैयार करने हेतु बीडीओ कार्यालय के सभागार में 27 जून से 29 जून तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण व जागरूकता शिविर किया जा रहा है ।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष उपमंडल गोहर के ग्राम पंचायतों से वॉलिंटियर तैयार किए जाएंगे जिसमें ग्राम पंचायत काशन, नाण्डी, कोटला खनूला व मौवीसेरी से कुल 60 वाॅलिंटियर तैयार किए जाएंगे ताकि वॉलिंटियर को किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने का प्रशिक्षण व आपदा के दौरान उनके कार्यों जानकारी दी जाएगी ।
उन्होंने कहा कि पंचायतों से वाॅलिंटियर तैयार करने से मानसून व किसी भी प्रकार आपदा के दौरान किसी भी क्षेत्र में ,किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा आने पर बचाव और राहत कार्य के संबंध में प्राथमिक राहत कार्य वहां के लोगों के द्वारा ही की जाती है इसलिए प्रत्येक पंचायत से आपदा से निपटने के लिए व बचाव एवं राहत कार्य के संबंध में उठाए जाने वाले प्राथमिक कदमों के लिए संबंधित पंचायत से वाॅलंटियर तैयार किया जा रहे हैं ताकि आपदा से हुए नुकसान पर प्राथमिक राहत कार्य शुरू कर सकें ।
उन्होंने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन के इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण व जागरूकता शिविर में उपमंडल से चिकित्सा विभाग, होमगार्ड, फायर, पुलिस प्रशासन तथा प्रत्येक विभाग से आपदा के दौरान तैयार की गई रेस्क्यू टीम और पंचायत सचिव,पंचायत सहायक, लंबरदार, पटवारी को भी आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण व जागरूकता शिविर में शामिल किया जाएगा ताकि सभी विभाग व वॉलिंटियर आपसी समन्वय के साथ आपदा के दौरान बचाव व राहत कार्यों को अधिक सुचारू और प्रभावी रूप से कर सकें ताकि आपदा से हुए जान माल क्षति को कम से कम किया जा सके ।