जेब पर डाका डालेगा स्मार्ट मीटर, राज्य विद्युत बोर्ड इप्लाइज यूनियन ने बताया राजस्व का नुकसान
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड इंप्लाइज यूनियन ने सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को बिजली स्मार्ट मीटर देने का पुरजोर विरोध किया है। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा व महासचिव हीरा लाल वर्मा ने ऊहल-3 परियोजनाए विद्युत मंडल और बस्सी पावर हाउस में कार्यरत कर्मचारियों के सम्मेलन में कहा कि स्मार्ट मीटर प्रदेश के 26 लाख विद्युत उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डालेगा। बिजली का लोड बढऩे के कारण स्मार्ट मीटर जंप करते हैं और इसकी शिकायतें पहले ही आ चुकी हैं। ऐसे में इस योजना को लेकर बोर्ड को आगे नहीं बढऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता भी स्मार्ट मीटर नहीं चाहते हैं। इस योजना के कारण प्रदेश भर में बिजली उपभोक्ताओं को पिछले छह माह से बिजली के मीटर नहीं मिल रहे हैं और आज प्रदेश में लगभग एक लाख उपभोक्ताओं के मीटर लगाने व बदलवाने के आवेदन फील्ड कार्यालयों में लंबित पड़े हैं, जिससे बिजली बोर्ड को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है।
यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा ने मुख्यमंत्री से बोर्ड में तुरंत एक स्थायी प्रबंध निदेशक लगाने की मांग की है। उपभोक्ताओं को बिजली बोर्ड द्वारा दी जाने वाली सेवाएं भी बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। मार्च के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के वित्तीय लाभ अभी तक नहीं मिल पाए। वहीं कर्मचारियों व पेंशनर्ज के सैकड़ों करोड़ रुपए की वित्तीय देनदारियां पिछले छह महीने से बोर्ड के पास लंबित पड़ी हैं। बैठक में राज्य पदाधिकारी यशवंत चौहान, मुनी लाल ठाकुर, भागमल राणा, ललित कुमार, जय कृष्ण शर्मा और हरिश शर्मा व पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष जितेंद्र ठाकुर उपस्थित रहे।