वर्तमान सरकार में प्रदेश के अंदर कानून और व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है और लोगों को कानून की कोई परवाह नहीं है ना ही पुलिस का कोई डर है

वर्तमान सरकार में प्रदेश के अंदर कानून और व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है और लोगों को कानून की कोई परवाह नहीं है ना ही पुलिस का कोई डर है जिससे ऐसी घटनाएं दिन प्रतिदिन हो रही हैं जो कि देश के अंदर हिमाचल की देवभूमि वाली छवि को खराब कर रही हैं।
बीते दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिला में एक महिला के साथ हुई घटना ने हिमाचल को राजस्थान जैसे प्रदेश की श्रेणी में लाकर रख दिया है। एक महिला को सरेआम गांव के अंदर मुंह काला करके जिस तरह घुमाया जाता है और पूरे गांव के सामने उसके बाल काट दिए जाते हैं उसको जलील किया जाता है और वहां का समाज यह सब देखता रहता है जो कि आज के सभी समाज के लिए बहुत गंभीर विषय है। क
इस मामले में पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है क्योंकि दोषी व्यक्तियों के खिलाफ जमानती धाराओं में केस दर्ज किया जाता है इससे साफ है कि मामले में कहीं ना कहीं राजनीतिक दबाव है और इस दबाव के चलते आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया और मुख्यमंत्री इस सब पर मौन धारण किए हुए हैं। आज तक मुख्यमंत्री पीड़िता को नहीं मिले ना ही आने का कोई कष्ट किया।
पिछले दिनों चंबा जिला में हुए हत्याकांड के ऊपर भी मुख्यमंत्री या मंत्रियों ने भी पीड़ित परिवार के साथ मिलने का कोई कष्ट नहीं किया और मामला ठंडा पड़ने के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहत का चेक लेकर परिवार के पास गए जो चेक प्रशासन द्वारा भी दिया जा सकता था लेकिन समय रहते किसी ने मेरी वहां जाने की जरूरत नहीं समझी जबकि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को वहां जाने से सरकार ने और पुलिस प्रशासन ने रोक दिया। उस मामले को भी पुलिस ने कोई और ही रंग दे दिया और उसे प्रेम प्रसंग में जोड़ दिया जबकि स्थानीय लोगों के अनुसार जो उसमें आरोपी व्यक्ति है उसका चरित्र और हरकतें संदिग्ध थी। 
गत दिनों मंडी के नेर चौक के मेडिकल कॉलेज में छात्रों के साथ रैगिंग और दुर्व्यवहार का मामला भी प्रशासन द्वारा दबाने का प्रयत्न किया गया और दोषी छात्रों को मात्र निष्कासित किया गया और उनके ऊपर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की, जिससे सरकार और कॉलेज प्रशासन की मिलीभगत लगती है और दोषी छात्रों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
उससे पहले आईआईटी मंडी में भी ऐसा ही मामला रैगिंग का हो चुका है और दोषी छात्रों के ऊपर कोई कानूनी कार्यवाही जो कि रैगिंग एक्ट के अंदर प्रावधान है नहीं की गई।
बिलासपुर में सरकारी नर्सिंग कॉलेज की छात्रा ने रैगिंग से तंग आकर फंदा लगाने की कोशिश की।
बद्दी बरोती वाला में आए दिन अपराधिक घटनाएं हो रही हैं , सरेआम लूटपाट डकैती की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं लेकिन सरकार गंभीर नहीं है। प्रदेश के अंदर चिट्ठा और ड्रग माफिया अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा है और सरकार हाथ पैर हाथ धरे बैठी है।
इन सब घटनाओं से देश और विदेश में हिमाचल की छवि खराब हो रही है और सरकार किसी भी तरह से गंभीर नजर नहीं आ रही है।

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