कांगड़ा के डुंगा बाजार में जूतों की दुकान में लगी देर शाम आग, अग्निकांड और सड़क के दोनों ओर वाहन, अग्निशमन हुआ नाकाम, स्थानीय लोगों द्वारा स्थिति पर काबू।

स्माइल वोहरा। कांगड़ा
कांगड़ा के डुंगा बाजार में रीता पीजी के सामने मदन मोहन भाटिया की जूतों की दुकान में देर शाम आग लग गई। जिससे दुकान का आधा समान जलकर राख हो गया, आधा आग बुझाने के चलते पानी लगने से खराब हो गया। दुकान में आग लगने के कारणों का किसीको अबतक पता नही चल पाया। लोगो द्वारा अनुमान लगाए जा रहे है कि किसी बिजली की तार में शॉर्ट सर्किट होने के कारण ये आग लगी है। दुकान का मालिक दुकान को बंद करके घर की ओर कुछ ही देर पहले निकला था। उसके दुकान बंद करके घर की ओर जाने तक सबकुछ सामान्य था। एक अन्य व्यक्ति ने जोकि साथ लगती दुकान पर उस समय सेफ्टी पिन खरीदने उसी गली से गया था ने बताया कि जब वह उस गली से समान लेने के लिए गया तब उसे सबकुछ सामान्य लगा। कुछ ही मिनट बाद व्यक्ति पिन खरीदकर जब वापिस आया तो उसने दुकान के ऊपर लगे हुए झरोखे से आग के कारण काला धुआं निकलते हुए देखा।
 इस पर उस व्यक्ति ने शोर मचा कर आसपास के लोगों को इकट्ठा किया। लोगों के वहां पर इकट्ठा होने पर उनमें से एक युवक ने हिम्मत दिखाते हुए दुकान के ताले को तोड़ा, फिर शटर खोलने के बाद अंदर लगी आग बुझाने की उस युवक द्वारा काफी कोशिश की गई। मौके पर मौजूद लोगों द्वारा बताया गया कि इस दौरान युवक को तीन बार करंट के झटके भी लगे लेकिन, फिर भी उस युवक ने समय रहते स्थानीय लोगो के साथ मिलकर आग को फैलने से रोकते हुए बड़े नुकसान को होने से बचा लिया। जिस स्थान पर यह आग लगी वह एक तंग गली थी। जिसमें आसपास काफी घर व दुकाने थी। बताया गया कि इस दुकान के ऊपर एक प्रसाद के सामान पैक करने का गोदाम भी था। यदि आग ऊपर की ओर पहुंचती तो आग की यह स्थिति बहुत भयंकर हो जाती।
*सड़क के दोनों ओर लगी गाड़ियों के कारण मौके तक नहीं पहुंच पाई अग्निशमन विभाग की गाड़ी*
 अग्निशमन विभाग को इस दौरान सुनील कुमार ने सूचना दी व अग्निशमन विभाग को आग बुझाने के लिए मौके पर बुलाया। लेकिन, जयंती विहार से होते हुए आने पर बुढलाडा सराय से थोड़ी आगे आकर अग्निशमन विभाग की गाड़ी तंग सड़क पर दोनो ओर खड़ी चारपहिया गाड़ियों के कारण आगे नहीं आ सकी।  सड़क के दोनों और लोगों द्वारा लापरवाही से गाड़ियां खड़ी करने के कारण अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को मौके पर पहुंचने से पहले ही सड़क के दोनों ओर लगी गाड़ियों के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अग्निशमन विभाग के चालक साहिल राणा ने बताया कि गाड़ी जगह न मिल पाने के कारण घटना स्थल से करीब सौ से डेढ़ सो मीटर पीछे ही आधा घंटा खड़ी रही। अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों सुरिंदर सैनी, रविंदर कुमार ने बताया की गाड़ियों में लगी पाईप की लम्बाई 50मीटर होती है जोकि तंग सड़क के दोनों ओर लगी गाड़ियों के कारण घटनास्थल तक पहुंचाना संभव नही हुई।

स्थानीय लोगो ने मुस्तैदी दिखाते हुए बुझाई आग
स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग के कर्मचारियों को मौके पर बुलाकर इस दुकान की बिजली की तारों को बाहर से कटवा कर दुकान में स्वयं पानी की बाल्टियो को भरके फेंक कर आग को बुझाया। इस कारण दुकान में रखें हुए समान को बचाया तो नहीं जा सका लेकिन, एक भीषण अग्निकांड को होने से रोक लिया गया।
स्थानीय दुकानदार योगेश ने दी हेल्पलाइन में जानकारी
घटना के दौरान स्थानीय दुकानदार योगेश द्वारा घटना की जानकारी हेल्पलाइन नंबर पर दी गई। जिसके बाद स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। जिस दुकान में आग लगी उसके सामने वाली कुछ दुकाने योगेश के पिता की भी है जोकि उन्होंने किराए पर दी हुई हैं। पुलिस द्वारा मौके पर मौजूद दुकानदार के बेटे का बयान दर्ज किया गया व पुलिस प्रशासन द्वारा पटवारी, तहसीलदार को बुलाकर नुकसान का जायजा लेने के लिए कहा गया।
बेटे द्वारा बताया गया आग में सारा सामान हो गया खराब
दुकानदार के बेटे मोहित भाटिया ने बताया की दुकान में रखा सारा लैदर का समान आग को बुझाते हुए पानी लगने से खराब हो गया है। उनके पिता को बीपी की समस्या है। दुकान में कईं ग्राहकों द्वारा लैदर का महंगा समान ठीक करने के लिए दिया गया था जोकि जलकर खराब हो गया है। अब उन्हें इस बात की चिंता है की ऐसे में वह अपने ग्राहकों को हुए नुकसान की भरपाई किस तरह से करेंगे? उन्होंने बताया की उन्हे करीब डेढ़ से दो लाख रुपए का नुकसान हुआ है। अब फिर से दुकान को रिपेयर करवाने के लिए व सामान रखने के लिए उनके करीब तीन लाख रुपए लग जाएंगे। उनके पिता करीब 30 साल से इस जूतों का कार्य कर रहे है। शाम को करीब छह बजे वह दुकान बंद करके घर लोट जाते है। उन्हे फोन पर साथ लगते घर से कुशम शर्मा ने फोन के माध्यम से इस घटना की जानकारी करीब साढ़े छह बजे दी। दुकान में रखे कागजात भी इस हादसे में जलकर राख हो गए।
प्रशासन से मुआवजे की मांग
दुकानदार के बेटे मोहित भाटिया ने बताया की वह खुद एक निजी कंपनी में काम कर रहा है। उनके पिता काफी समय से इसी गली में दुकानदारी कर रहे है। करोना ने दुकानदारी को काफी प्रभावित किया है। प्रशासन द्वारा व समाजसेवी सदस्यो द्वारा उन्हें किसी तरह आर्थिक सहायता पहुंचाई जाए। जिससे उन्हें फिर से व्यवसाय शुरू करने में मदद मिले।

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