राजा वीरभद्र सिंह की मृत्यु के बाद कांग्रेस पार्टी दो नही तीन नही चार गुटों में बंट गई है

न्यूज़हंट हिमाचल ब्यूरो। शिमला
नेताओं को समझ ही नही आ रहा कि वे किस गुट में जाएं लेकिन कांगड़ा के ज्वाली के कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी चौधरी चन्द्र कुमार की स्थिति जाएं तो जाएं कहां की बनी हुई है। वह जिस गुट में जाते हैं वहीं उनके पूर्व विधायक सपुत्र नीरज भारती का कोई न कोई लफड़ा होता है । चन्द्र कुमार की गिनती आरम्भ से ही राजा वीरभद्र कैम्प से होती रही है, उन्हीं  के कारण चौधरी चन्द्र कुमार प्रदेश सरकार में काबिना मंत्री व बाद में सांसद तक बने लेकिन नीरज भारती की बदजुबानी के कारण दोनों परिवारों के बीच खटास आ गई ।इस दौर में राजा परिवार से 36 का आंकड़ा रखने वाले जी एस वाली से चन्द्र कुमार परिवार की निकटता हो गई जबकि इससे पूर्व फेसबुक पर नीरज भारती व जी एस वाली के खासमखास मनोज मेहता के वीच फेसबुक पर गाली गलौच भी सभी ने देखा था । खैर ,यह दोस्ती भी लंबी न चली । नीरज भारती के व्यंग्यवाणों का शिकार प्रेम कुमार धुमल व अनुराग ठाकुर ही नही राहुल गांधी तक रहे। आजकल नीरज भारती के निशाने पर धर्मशाला के पूर्व विधायक व मंत्री सुधीर शर्मा है । बिना नाम लिए वह उन्हें धर्मशाला वाला नारदमुनि कहकर उनके खिलाफ कोई न कोई पोस्ट डालते रहते हैं । सुधीर शर्मा का पार्टी हाईकमान में क्या रसूख है सब जानते हैं और कहते हैं सुधीर शर्मा हंसते हंसते ही कब किसका राजनीतिक कत्ल कर दें ,सामने बाले को पता तक नही चलता । पिछले दिनों जब यूथ कांग्रेस ने तपोवन मे विधान सभा का घेराव किया तो नीरज भारती ने ज्वाली के युवाओं को धर्मशाला न जाने का आह्वान किया । बताते हैं कि कांग्रेस आलाकमान ने इस पर संज्ञान लिया था । बात यही नही 2019 के लोकसभा चुनावों में नीरज भारती व उनकी यूथ कांग्रेस की अध्यक्ष रही पत्नी ने वोट तक न डाला व फेसबुक पर ऐसा न करने की बात भी कही थी । 
नीरज भारती स्वयं तो चुनाव न लड़ने की कई बार बात कर चुके हैं परंतु उनके पिता चन्द्रकुमार लगातार विधानसभा में डटे हुए है । उनकी ज्वाली विधानसभा में एक जबरदस्त पैठ है परन्तु क्या नीरज भारती की अतीत की गलतियों का खामियाजा कहीं चन्द्र कुमार को न भुगतना पड़े । ज्वाली कांग्रेस में जबरदस्त चुप्पी है  और दूसरी पंक्ति के नेता टिकट के प्रति निश्चिंत लग रहे हैं । वे गुपचुप तरीके से बड़े नेताओं से सम्पर्क साध रहे हैं । मनमोहन सिंह व दिलावर छोटू दूसरे पंक्ति के वे नेता हैं जो छुपे रुस्तम हो सकते हैं । दिलावर सिंह छोटू ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं व एक बार जिला पार्षद रह चुके हैं तो मनमोहन सिंह यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके है ।चूंकि मनमोहन व दिलावर सिंह का कद इतना बड़ा तो नही कि वे टिकट की लड़ाई दिल्ली तक लड़ सकें परन्तु जिला व प्रदेश के बड़े नेता जो नीरज भारती से प्रताड़ित हुए हैं वे किस हद तक चौधरी परिवार से बदला लेते हैं ,इसी पर ज्वाली कांग्रेस का भविष्य अटका है ।

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