अफगानिस्तान सरकार का दावाः तालिबान का समर्थन कर रहा पाक
अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्से पर तालिबान का कब्जा हो गया है। जसके चलते वहा पर सरकारी प्रशासन पुरी तरह अस्थ-व्यस्था है। अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच संघर्ष का तेजी से बढ रहा है। देश में तालिबान ने अपनी हिंसक गतिविधियों का तेज कर दिया है। इसी के बीच अफगानिस्तान की सरकार ने एक हैरान कर देने वाली जानकारी के बारे में बताया है। जिससे पाकिस्तान आतंकी इरादों की पोल खोल का रख दी है। आफगानिस्तान की सरकार ने यह दावा किया है, कि पाकिस्तान तालिबान हमलों का समर्थन कर रहा है तथा पाकिस्तान की खुफियां एजेंसी भी इन तालिबानी हमलों का वढबा दे रही हैं।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपनी जानकारी में कहा हैं कि तालिबान ने जो हिंसक अभिायान को तेज किया है इसके पिछे पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई का पुरा समर्थन प्राप्त है। जो कि हक्कानी नेटवर्क और अल-कायदा के साथ तालिबान के आंतकी संगठन को जोड़ने की कोशिश कर रही है। अफगान मंत्रालय ने 31 जुलाई को एक ब्रीफिंग में कहा कि तालिबान ने जहां 193 से अधिक जिला केंद्रों और 19 सीमावर्ती जिलों पर कब्जा कर लिया है वहीं अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों ने नौ जिला केंद्रों पर फिर से कब्जा कर लिया। हालांकि, 200 से अधिक जिला केंद्र सरकार के नियंत्रण से बाहर हैं।
तालिबान ने तखर, कुंदुज, बदख्शां, हेरात और फराह प्रांतों में देश भर में 10 सीमा पार करने वाले बिंदुओं पर भी नियंत्रण कर लिया है, जिससे इन क्षेत्रों में सीमा पार से आवाजाही और व्यापार पूरी तरह से बंद हो गया है। मंत्रालय ने आगे खुलासा किया कि 14 अप्रैल से लगभग 4000 (ANDSF) कर्मी मारे गए हैं और 7,000 से अधिक घायल हुए हैं और लगभग 1,600 लोगों को तालिबान द्वारा कब्जा कर लिया गया है। इनसाइडओवर की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक हुई हिंसा में महिलाओं और बच्चों सहित 2000 नागरिक भी मारे गए थे और 2200 अन्य घायल हुए हैं।