विपिन सिंह परमार की गर्जना: 73 किमी में सिमट जाएगी चम्बा–भरमौर की दूरी


परमार की हुंकार: होली–उतराला हाईवे बनेगा तो बदलेगी कांगड़ा–चम्बा की तस्वीर!

धर्मशाला/तपोवन

तपोवन में विधानसभा सत्र के दौरान नियम-62 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व मंत्री एवं विधायक विपिन सिंह परमार ने होली–उतराला सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की पुरजोर मांग उठाई। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चम्बा–भरमौर पहुंचने के लिए लोगों को 300 से 350 किलोमीटर तक की लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जबकि इस मार्ग के राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से यह दूरी घटकर सिर्फ 73 किलोमीटर रह जाएगी।

परमार ने कहा कि यह सड़क कांगड़ा–चम्बा के बीच आवागमन को सुगम बनाएगी और पर्यटन को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। उन्होंने बताया कि मणिमहेश यात्रा समेत उत्तर भारत के लाखों श्रद्धालुओं के लिए यह मार्ग वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी द्वारा दोनों ओर से निर्माण कार्य जारी है और लगभग 13 किलोमीटर सड़क का निर्माण भी किया जा चुका है। ऐसे में पहले इसे मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड (MDR) घोषित किया जाए और इसके बाद केंद्र सरकार को इसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का प्रस्ताव भेजा जाए।

परमार ने कहा कि पीडब्ल्यूडी द्वारा करोड़ों रुपये का एस्टीमेट तैयार किया जा चुका है, लेकिन प्रदेश बजट की सीमाओं को देखते हुए यह परियोजना केंद्र सरकार के सहयोग से ही संभव हो पाएगी। सड़क के निर्माण से जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और अन्य बुनियादी सुविधाओं तक बेहतर पहुंच मिलेगी।

योजना पर सरकार का पक्ष
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि होली–उतराला मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने की प्रक्रिया काफी समय से विचाराधीन है। यह सड़क जनजातीय जिला चम्बा को कांगड़ा से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग बनेगी और गद्दी समुदाय के जीवन, फसलों तथा भेड़पालकों की रोज़मर्रा की कठिनाइयों को कम करेगी।

मंत्री ने बताया कि प्रस्तावित सड़क की लंबाई 71 किलोमीटर है।

17 किलोमीटर मार्ग का कार्य पूरा हो चुका है।

22 किलोमीटर हिस्से में एक बड़ा स्टील पुल प्रस्तावित है।

नाबार्ड से 14 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली जिनमें से 8 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं।

13 से 19 किलोमीटर तक के हिस्से के लिए नाबार्ड के तहत 9 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले घोषित 79 नेशनल हाईवे में से अब केवल 7 ही सक्रिय हैं, इसलिए केंद्र से मंजूरी मिलना चुनौतीपूर्ण है, मगर होली–उतराला सड़क को एनएच घोषित करने के लिए सरकार प्रयासरत है।

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