चाइल्ड् हेल्पलाइन 1098 सेवा में कार्यरत कर्मचारियों को सताने लगा नौकरी जाने का डर


महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश समेत अन्य सभी राज्यों को 31 अगस्त तक चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 सेवा सञ्चालन हेतु थमाया गया अंतिम नोटिस।

   

चाइल्ड् हेल्पलाइन 1098 सेवा में कार्यरत कर्मचारियों को अब अपनी नौकरी जाने का डर सताने लगा है, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 सेवा मंत्रालय महिला एवं बाल विकास विभाग भारत सरकार की परियोजना है जोकि पूरे भारतवर्ष में 1996 से कार्यरत है और 0 -18 साल के बच्चों के लिए कार्य करती है और बच्चों से जुडी हर समस्या का चाइल्ड हेल्पलाइन टीम समाधान करती है। परन्तु अब महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश समेत अन्य सभी राज्यों को 31 अगस्त तक चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 सेवा सञ्चालन हेतु दो महीने का अंतिम नोटिस हर ज़िले की चाइल्डलाइन टीम को प्राप्त हो चूका है अब चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा 1098 का सञ्चालन केंद्र सरकार ने राज्यों सरकारों को सौंप दिया है , पहले ये सेवा मंत्रालय महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा NGO के माध्यम से आउटसोर्स पर संचालित की जा रही थी परन्तु 31 अगस्त के बाद ये 1098 सेवा राज्य सरकार का महिला एवं बाल विकास संचालित करेगा और राज्य के अंतर्गत कर्मचारी आउटसोर्स कंपनी के माध्यम से रखे जायेंगे। इस तरह इतने वर्षों से काम कर रहे कर्मचारी जिन्होंने पूरी उम्र 1098 टोल फ्री नंबर के प्रचार प्रसार, बाल अधिकारों की जागरूकता एवं बाल संरक्षण में लगा दी बह कर्मचारी उम्र के इस पड़ाव में कहाँ जायेंगे।

जिला काँगड़ा के समन्वयक मनमोहन चौधरी, काउंसलर बलदेव ब टीम सदस्य जितेंदर, इंदरजीत, डिंपल कटोच, ललिता ब सतीश ने बताया कि टीम ने इतने वर्षों से लगभग 4900 मामले बच्चों के 1098 कॉल के माध्यम से प्राप्त किये है और काँगड़ा जैसे बड़े ज़िले का शायद ही कोई स्कूल , स्लम एरिया, पंचायत, बस स्टैंड, आंगनवाड़ी केंद्र या ग्राम बचा हो जहाँ पर पहुंच कर टीम ने बच्चों ब अभिभाबकों के साथ कर्मचारियों को 1098 की कार्यप्रणाली , बाल अधिकारों हेतु जागरूकता न दी हो , चाइल्ड लाइन टीम ने काँगड़ा के अति दुर्गम क्षेत्रों जैसे बड़ा भंगाल छोटा भंगाल बरोट एवं मुल्थान के स्कूलों ब पंचायत में बाल आरक्षण हेतु जागरूकता प्रदान की है। इसके साथ ही जिला काँगड़ा के समन्वयक मनमोहन चौधरी ने बताया उन्होंने विभाग को पत्राचार करके एवं सहयोग से 1098 टोल फ्री नंबर को हर स्कूल बस, ब अन्य सरकारी निजी यात्री बाहनों में प्रदर्शित करवाया, इसके साथ ही ये नंबर सभी पंचायत, आंगनवाड़ी केंद्र, पुलिस स्टेशन, होटल ब रेस्टोरेंट, औद्योगिक क्षेत्र , वर्षा शालिका, शराब ठेके, अस्पताल, मंदिर, पार्क, बस अड्डा , बस स्टैंड ब विभिन्न सरकारी दफ्तरों में इस टोल फ्री नंबर 1098 को प्रदर्शित करवा दिया गया है। काँगड़ा टीम ने 15 से 20 साल तक कड़ी मेहनत से तन मन धन से अपनी सेवाएं दी और ना जाने कितने बच्चों को बाल मजदूरी,बाल विवाह, योन शोषण, भिक्षावृति, अनाथ व अर्ध अनाथ , लावारिश ब झाड़ियों मे फेंक दिये नवजात शिशुओं को रेस्क्यू करके चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने बाल आश्रमों मे पहुंचाया । उस टीम ने मात्र 6000 से 8000 के न्यूनतम वेतन पर इतने सालो से 24 घंटे सेवाए दी और बाल संरक्षण मे अहम भूमिका निभाई ।

इस हेतु चाइल्ड हेल्पलाइन काँगड़ा टीम के साथ हिमाचल की समस्त ज़िलों की टीमें अपने अपने ज़िले के ज़िलाधीश महोदय को भी अबगत करवा चुकी हैं कि वर्तमान कार्यरत टीम का ही अपने अपने ज़िले में अधिग्रहण किया जाए । इसके साथ ही चाइल्डलाइन टीम हिमाचल के मुख्यमंत्री से 5 बार मिल चुके है और इसी के साथ हिमाचल सरकार के विभिन्न मंत्रिओं से भी मिलकर अपनी समस्या बता चुके है साथ ही चाइल्ड लाइन टीम केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से भी दो बार गुहार लगा चुकी है। 

टीम ने प्रदेश के मुख्य मंत्री से आग्रह किया है कि जो SOP राज्य सरकार को मंत्रालय महिला एव बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार से जारी हुई है उसमे टीम के लिए जो योग्यता निर्धारित की गई है उसमे वर्तमान टीम मे 90% स्टाफ स्नातक ब स्नातकोत्तर तो है परन्तु सोशियोलॉजी मे नही है और उम्र भी 50% स्टाफ 45 वर्ष पूरी कर चुका है । चाइल्ड लाइन टीम ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाईं है कि राज्य मे वर्तमान 1098 हेल्पलाइन मे काम कर रही टीम को ही सुचारु रूप से कार्ये संचालित करने का हर ज़िलें मे मौका दिया जाए । क्यूंकि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है और भौगोलिक स्थिति के हिसाब से यहाँ रोजगार के अवसर बड़े कम है अतः उम्र के इस पड़ाब मे टीम को कहाँ रोगज़ार मिलेगा जिस टीम ने इतने सालो तक बच्चों के संरक्ष्ण मे काम किया अब उनके खुद के बच्चे और परिवार विना रोज़गार के कैसे गुजर बसर करेंगे और चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने आग्रह किया कि वर्तमान कार्यरत टीम को ही वरीयता एवं सेवा विस्तार दिया जाये और अगर किसी की योग्यता इस पोस्ट हेतु पूरी नही है तो टीम के 15 से 20 सालों के अनुभव को ध्यान मे रखते हुए योग्यता पूरा करने का समय दिया जाये । चाइल्ड लाइन ने मुख़्यमंत्री को यह भी अबगत करवाया कि जो बच्चे बाल आश्रमों मे रह रहे है और जिन बच्चों के लिए आपके द्वारा "सुखाश्रय योजना" बनाई गई है उन बच्चों को हम चाइल्ड लाइन कार्यकर्ताओं ने रेस्क्यू करके बहाँ पहुंचाया है ।

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