सुविधाएं दूर, पैदल चलने को मजबूर
न्यूज़हंट हिमाचल। बैजनाथ
उपमंडल की अति दुर्गम पंचायत बड़ा भंगाल को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोषित किया जाए। साथ में बड़ा भंगाल को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल प्रधान मनसा राम भंगालिया की अगुवाई में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से शिमला में मिला।इस मौके पर विधायक मुल्खराज प्रेमी भी मौजूद थे। अपनी इन्ही समस्याओं को लेकर प्रधान मनसा राम ठाकुर ने मुख्य सचिव से भेंट कर उन्हे भी अवगत करवाया। मनसा राम ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई कि बड़ा भंगाल अति दुर्गम क्षेत्र हैं । मगर वहां के लोग आज भी सडक़ ,बिजली, दूरसंचार , स्वस्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। बड़ा भंगाल में 650 के करीब लोग अपना जटिल जीवन यापन करने पर मजबूर हैं। मनसा राम का कहना जब से बड़ा भंगाल अस्तित्व में आया, उससे लेकर आज तक इस इलाके को अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र का दर्जा हासिल न हो सका। यही नहीं अगर भौगोलिक स्थिति से देखा जाए तो बड़ा भंगाल जाने के लिए एक रास्ता वाया बीड़ ,छोटा भंगाल के कोठी कोहड से थमसर जोत हो कर 18000 फीट ऊंचाई पार कर तीन- दिन पैदल चल कर पहुंचा जा सकता है। जो साल में मात्र चार – पांच महीने ही खुलता है। बाकी बफबारी के कारण बंद रहता है। दूसरा रास्ता बया होली नया ग्राम हो कर बड़ा भंगाल के लिए मार्ग है। मगर रावी नदी किनारे बह मार्ग इतना संकरा है कि लोगों को आज भी रसियों के सहारे जाना आना पड़ता है। बीमार बूढ़े -बच्चे जिनके घर बड़ा भंगाल में हैं। बड़ा भंगाल ना पहुंच पाने पर किराए में मकान ले कर बीड़ बैजनाथ व आजपास क्षेत्रों में अपना जीवन यापन करने पर मजबूर हैं। बड़ा भंगाल के लोगो ंका जीवन यापन का मुख्य साधन खेती बाड़ी के साथ भेड़ बकरी पालन ही है। उनका कहना है की बया चंबा होली नया ग्राम हो कर दो साल से प्रधान मंत्री सडक़ योजना के तहत कार्य चला है। दो साल में मात्र 500 मीटर सडक़ निर्माण हो पाया इस हिसाब से तो बड़ा भंगाल तक सडक़ पहुंचने में कई साल लग जाएंगे। उन्होंने सीएम से गुहार लगाई है कि बड़ा भंगाल को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोषित कर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। सडक़ निर्माण कार्य को जल्द पूरा करवाने के आदेश दिए जाएं ।