हिमाचलः रक्कड़ में तीन पंचायतों ने रोपे 1600 पौधे
कैप्टन संजय के सहयोग से रक्कड़ की तीन पंचायतों में रोपे गए 1600 पौधे, चौली, रक्कड़ और कूहना में बच्चों से लेकर बुजुर्गों ने किया पौधरोपण
पौधरोपण अभियान के चौथे चरण में कैप्टन संजय पराशर ने जसवां-परागपुर क्षेत्र की तीन पंचायतों के वासियों को 1600 औषधीय व फलदार पौधे निशुल्क उपलब्ध करवाए, जिनका पौधरोपण सार्वजनिक व निजी स्थानों पर किया गया। रक्कड़, चौली और कूहना पंचायताें में नीम, हरड़, आम, नींबू, आंवला, अशोका और लीची के पौधे रोपित किए गए। पौधरोपण को लेकर आमजनमानस में भी उत्साह देखा गया और बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक इन कार्यक्रमों में पौधरोपण किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संजय पराशर ने कहा कि पेड़-पौधों का महत्व हर किसी को समझना होगा। जब तक हम और आप इसे नहीं समझेंगे तब तक पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बढ़ाया हुआ कदम सार्थक नहीं होगा। पेड़ों को काटकर घर से सड़कें बनाई जाने लगी हैं और हरे.भरे पेड़ों की बलि ली जा रही है। इससे पर्यावरण संरक्षण को नुकसान पहुंच रहा हे। हमें ज्यादा से ज्यादा स्तर पर पौधारोपण करना चाहिए।
कहा कि पेड़ व्यक्ति के जीवन भर तक साथ निभाते हैं। व्यक्ति को पेड़ों से शुद्ध हवा, फल, फूल, और औषधियां मिलती हैं। इसके अलावा सबसे बड़ा पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं। अगर मनुष्य को ऑक्सीजन नहीं मिले, तो उसकी मृत्यु हो जाती है। कई बार लोग थोड़े से रुपये कमाने के चक्कर में हरे-भरे पेड़ काट देता है। शायद यह सभी को पता है कि अगर पेड़ों की संख्या इस तरह घटती रही तो तो मनुष्य को जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। तो आगे आने वाली पी़ढ़ी को ऑक्सीजन के अलावा पेड़ों की शुद्ध हवा लेने को तरस जाएंगे।
इस तरह से प्रत्येक व्यक्ति को इस धरा पर जीवित रहने के लिए उसके हिस्से की आक्सीजन आपूर्ति के लिए पेड़ लगाने चाहिए। रक्कड़ पंचायत प्रधान की प्रधान जीवनलता ने पराशर द्वारा उनके गांव में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित करने पर आभार जताया। वहीं, रक्कड़ में संजय धीमान, चौली में पूर्व पंचायत प्रधान ममता कटवाल और कूहना में महिला मंडल प्रधान आशा राणा के नेतृत्व में गांववासियों को पौधे वितरित किए गए।